हौंसले मजबूत चाहें कदम थक चूर हों
सिर सगर्व तना हो चाहें लाख हम मजबूर हों
परिस्थिति की आँधियाँ हमको डिगा सकती नहीं
पहुचकर कर ही चैन लेंगे लक्ष्य चाहें दूर हों
हाँथ जोड़े कब किसी को संकटों ने यहाँ छोड़ा?
आंसुओं पर दया खाकर काल ने कब चक्र मोड़ा?
माँगने से एक दो सिक्के मिला करते हैं लेकिन
जीत लेते वीर सिंहासन मुकुट चढ़ शौर्य घोड़ा
एक दो रण हार जाना हार कहलाती नहीं है
तुम नहीं हारे अगर हिम्मत अभी हारी नहीं है
भुजाओं में शक्ति, मन में जीत का संकल्प जब तक
तब तलक कोई चुनौती वीर को भारी नहीं है
प्रवल रवि को ढक लिया करतीं हैं छोटी बदलियाँ
घड़ी भर को अंधेरों में डुबा देतीं आँधिया
क्या कभी डरकर अंधेरों से झुका है वीर दिनकर?
तोड़ तम की घोर कारा जगमगाता चल दिया
सिर सगर्व तना हो चाहें लाख हम मजबूर हों
परिस्थिति की आँधियाँ हमको डिगा सकती नहीं
पहुचकर कर ही चैन लेंगे लक्ष्य चाहें दूर हों
हाँथ जोड़े कब किसी को संकटों ने यहाँ छोड़ा?
आंसुओं पर दया खाकर काल ने कब चक्र मोड़ा?
माँगने से एक दो सिक्के मिला करते हैं लेकिन
जीत लेते वीर सिंहासन मुकुट चढ़ शौर्य घोड़ा
एक दो रण हार जाना हार कहलाती नहीं है
तुम नहीं हारे अगर हिम्मत अभी हारी नहीं है
भुजाओं में शक्ति, मन में जीत का संकल्प जब तक
तब तलक कोई चुनौती वीर को भारी नहीं है
प्रवल रवि को ढक लिया करतीं हैं छोटी बदलियाँ
घड़ी भर को अंधेरों में डुबा देतीं आँधिया
क्या कभी डरकर अंधेरों से झुका है वीर दिनकर?
तोड़ तम की घोर कारा जगमगाता चल दिया