गुरुवार, 22 सितंबर 2011

कहाँ गई वह बात पुरानी...
दादी कीवह गीत कहानी...
मम्मी की वह मीठी बानी
और कहाँ परिओं की रानी...
जाने कब मै वनिक बन गया...
लगा बेचने अपनी सांसे...
रंग -बिरंगी दुनियां मेरी...
गई छोड़ कर आज यहाँ से ...
जीवन के प्याले की मदिरा...
बिना पी ही सुख गई क्या?॥
जिन सपनो को देखा था वह॥
कहीं राह में छुट गए क्या..

1 टिप्पणी:

  1. man ko ateet me le jati hui sundar si kavita

    beete dino ki nischhal baton ka smaran karane ke liye dhanyvad apkaman ko ateet me le jati hui sundar si kavita

    beete dino ki nischhal baton ka smaran karane ke liye dhanyvad apka

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