कहाँ गई वह बात पुरानी...
दादी कीवह गीत कहानी...
मम्मी की वह मीठी बानी
और कहाँ परिओं की रानी...
जाने कब मै वनिक बन गया...
लगा बेचने अपनी सांसे...
रंग -बिरंगी दुनियां मेरी...
गई छोड़ कर आज यहाँ से ...
जीवन के प्याले की मदिरा...
बिना पी ही सुख गई क्या?॥
जिन सपनो को देखा था वह॥
कहीं राह में छुट गए क्या..
गुरुवार, 22 सितंबर 2011
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जिज्ञासु समर्पण, कवि परिचय, प्रस्तावना एवं वंदना
जिज्ञासु डॉ . बृजमोहन मिश्र समर्पण पूज्या माता स्वर्गीया मंगला देवी एवं पूज्य पिता श्री रामू लाल मिश्र को ...
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जिज्ञासु डॉ . बृजमोहन मिश्र समर्पण पूज्या माता स्वर्गीया मंगला देवी एवं पूज्य पिता श्री रामू लाल मिश्र को ...
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तुम जिधर चलो दुनियां चल दे तुम जहाँ रुकों जग रुक जाए तुम बैठो तो दरबार लगे सम्राटों के सिर झुक जाएँ तुम ...
man ko ateet me le jati hui sundar si kavita
जवाब देंहटाएंbeete dino ki nischhal baton ka smaran karane ke liye dhanyvad apkaman ko ateet me le jati hui sundar si kavita
beete dino ki nischhal baton ka smaran karane ke liye dhanyvad apka